Hale Na Kar Paye Jise Tu

Pandit Indra

हल न कर पाए जिसे तू
कोन सी मुश्किल है वो
तय न कर पाए जिसे तू
कौन सी मंज़िल है वो
अब कौन सी मंज़िल है वो

चाह अगर होगी तो बेशक राह भी मिल जाएगी
आरज़ू दिल की तेरी आहो
से ही जल जायेगी
आरज़ू दिल की तेरी आहो
से ही जल जायेगी
हो नहीं सकता है अच्छा
कौन सा बिस्मिल है वो
तय न कर पाए जिसे तू
कौन सी मंज़िल है वो
अब कौन सी मंज़िल है वो

ज़िन्दगी और मौत दो है
करवटे इंसान की
तुम सदा रोती रहो
मर्ज़ी है ये भगवान की
अब इरादो में तुम्हारे
जोश कुछ बाकि नहीं
जीने वाले मरने का भी
होश कुछ बाकि नहीं
होश कुछ बाकि नहीं

Curiosités sur la chanson Hale Na Kar Paye Jise Tu de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Hale Na Kar Paye Jise Tu” de Mohammed Rafi?
La chanson “Hale Na Kar Paye Jise Tu” de Mohammed Rafi a été composée par Pandit Indra.

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