Ham Intezar Karenge

Roshan, Sahir Ludhianvi

हम इंतज़ार करेंगे
हम इंतज़ार करेंगे तेरा क़यामत तक
ख़ुदा करे के क़यामत हो, और तू आए
ख़ुदा करे के क़यामत हो, और तू आए
हम इंतज़ार करेंगे

बुझी बुझी सी नज़र में तेरी तलाश लिये
भटकते फिरते हैं हम आप अपनी लाश लिये
यही ज़ुनून यही वहशत हो
यही ज़ुनून यही वहशत हो और तू आए
खुदा करे के कयामत हो, और तू आए
हम इंतज़ार करेंगे

न देंगे हम तुझे इलज़ाम बेवफ़ाई का
मगर गिला तो करेंगे तेरी जुदाई का
तेरे खिलाफ़ शिकायत हो
तेरे खिलाफ़ शिकायत हो और तू आए
खुदा करे के कयामत हो, और तू आए
हम इंतज़ार करेंगे

ये ज़िंदगी तेरे कदमों में डाल जाएंगे
तुझी को तेरी अमानत सम्भाल जाएंगे
हमारा आलम ए रुखसत हो
हमारा आलम ए रुखसत हो और तू आए
खुदा करे के कयामत हो, और तू आए
हम इंतज़ार करेंगे

Curiosités sur la chanson Ham Intezar Karenge de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Ham Intezar Karenge” de Mohammed Rafi?
La chanson “Ham Intezar Karenge” de Mohammed Rafi a été composée par Roshan, Sahir Ludhianvi.

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