Ham Jab Chale To Yeh Jahan Jhume

Kamal Joshi, Sahir Ludhianvi, Usha Khanna

हम जब चले तो ये जहाँ झूमे
आरज़ू हमारी आस्मा को चूमे ओहोहोहो
हम जब चले तो ये जहाँ झूमे
आरज़ू हमारी आस्मा को चूमे ओहोहोहो
हम जब चले तो

हम नए जहाँ के पास्पा
हम नयी बहार के राज़दा
हम हंसे तो हंस पड़े हर कली
हम चले तो चल पड़े जिंदगी
सारे नज़ारों में फूलों में तारो में
हमने ही जादू भरा
हम जब चले तो ये जहाँ झूमे (ओहो ओहो)
आरज़ू हमारी आस्मा को चूमे ओहोहोहो (ओहो ओहो हम्म)
हम जब चले तो

हमसे है फिज़ाओ में रंगो बू
हम है इस जमीं की आरज़ू
नदियों की रागिनी हमसे है
हर तरग ये ताजग़ी हमें है
सारे नज़ारों में फूलों में तारो में
हमने ही जादू भरा
हम जब चले तो

दूर हो गयी सभी मुश्किलें
खीच के पास आ गयी मंज़िले
देख के शबाब के होंसले
खुद ब खुद सिमट गए फांसले
सारे नज़ारों में फूलों में तारो में
हमने ही जादू भरा
हम जब चले तो ये जहाँ झूमे (तू रु रु)
आरज़ू हमारी आस्मा को चूमे ओहोहोहो (ओहो ओहो हम्म)
हम जब चले तो

Curiosités sur la chanson Ham Jab Chale To Yeh Jahan Jhume de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Ham Jab Chale To Yeh Jahan Jhume” de Mohammed Rafi?
La chanson “Ham Jab Chale To Yeh Jahan Jhume” de Mohammed Rafi a été composée par Kamal Joshi, Sahir Ludhianvi, Usha Khanna.

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