Insaaf Ka Mandir Hai

NAUSHAD, SHAKEEL BADAYUNI

इन्साफ़ का मंदिर है ये

भगवान का घर है

इन्साफ़ का मंदिर है ये भगवान का घर है
कहना है जो कह दे तुझे किस बात का डर है
है पास तेरे जिसकी अमानत उसे दे दे
है पास तेरे जिसकी अमानत उसे दे दे
निर्धन भी है
निर्धन भी है इन्सान मोहब्बत उसे दे दे
मोहब्बत उसे दे दे
जिस दर पे सभी एक हैं बन्दे ये वो दर है
इन्साफ़ का मंदिर है ये भगवान का घर है

मायूस ना हो हार के तक़दीर की बाज़ी
प्यारा है वो ग़म जिसमें हो भगवान भी राजी
दुःख दर्द मिले
दुःख दर्द मिले जिसमे वोहीं प्यार अमर है
वोहीं प्यार अमर है
ये सोच ले हर बात की दाता को ख़बर है
इन्साफ़ का मंदिर है ये भगवान का घर है
इन्साफ़ का मंदिर है ये भगवान का घर है

Curiosités sur la chanson Insaaf Ka Mandir Hai de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Insaaf Ka Mandir Hai” de Mohammed Rafi?
La chanson “Insaaf Ka Mandir Hai” de Mohammed Rafi a été composée par NAUSHAD, SHAKEEL BADAYUNI.

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