Jaa Dil-E- Diwana [Revival]

CHITRAGUPTA, MAJROOH SULTANPURI

ओ ओ ओ आ आ आ
जाग दिल-ए-दीवाना रुत जागी वस्ल-ए-यार की
जाग दिल-ए-दीवाना रुत जागी वस्ल-ए-यार की
बसी हुई जुल्फ में
आयी है सबा प्यार की
जाग दिल-ए-दीवाना रुत जागी वस्ल-ए-यार की
जाग दिल-ए-दीवाना

दो दिल के कुछ लेके पयाम आयी है
चाहत के कुछ लेके सलाम आयी है
दो दिल के कुछ लेके पयाम आयी है
चाहत के कुछ लेके सलाम आयी है
दर पे तेरे सुबह खड़ी
खोयी है दीदार की
जाग दिल-ए-दीवाना रुत जागी वस्ल-ए-यार की
जाग दिल-ए-दीवाना

एक परी कुछ शाद सी ना शाद सी
बैठी हुयी शबनम में तेरी याद की
एक परी कुछ शाद सी ना शाद सी
बैठी हुयी शबनम में तेरी याद की
भीग रही होगी कहीं कली सी गुलजार की
जाग दिल-ए-दीवाना रुत जागी वस्ल-ए-यार की
जाग दिल-ए-दीवाना

आ मेरे दिल अब ख्वाबों से मुँह मोड़ ले
बीती हुई सब रातें यहीं छोड़ दे
आ मेरे दिल अब ख्वाबों से मुँह मोड़ ले
बीती हुई सब रातें यहीं छोड़ दे
तेरे तो दिनरात हैं अब आँखों में दिलदार की
जाग दिल-ए-दीवाना रुत जागी वस्ल-ए-यार की
बसी हुई जुल्फ में
आई है सबा प्यार की
जाग दिल-ए-दीवाना

Curiosités sur la chanson Jaa Dil-E- Diwana [Revival] de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Jaa Dil-E- Diwana [Revival]” de Mohammed Rafi?
La chanson “Jaa Dil-E- Diwana [Revival]” de Mohammed Rafi a été composée par CHITRAGUPTA, MAJROOH SULTANPURI.

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