Jagjit Singh Speaks And Kaun Aaya Mere Man Ke Dware
कौन आया मेरे मन के द्वारे
पायल की झनकार लिए
कौन आया मेरे मन के द्वारे
पायल की झनकार लिए
कौन आया
आँख न जाने दिल पहचाने
आँख न जाने दिल पहचाने
सुरतिया कुछ ऐसी
आँख न जाने दिल पहचाने
सुरतिया कुछ ऐसी
याद करूँ तो याद न आये
मूरतिया ये कैसी
पागल मनवा सोच में डूबा
सपनो का ससार लिए
कौन आया मेरे मन के द्वारे
पायल की झनकार लिए
कौन आया मेरे मन के द्वारे
इक पल सोचु मेरी आशा
रूप बदल कर आयी
इक पल सोचु मेरी आशा
रूप बदल कर आयी
दूजे पल फिर ध्यान ये आये
हो न कही परछाई
जो परदेसी के घर आयी
एक अनोखा प्यार लिए
कौन आया मेरे मन के द्वारे
पायल की झनकार लिए