Jahaan Mile Dharti Aakash

LATE MADAN MOHAN, RAJINDER KRISHNAN, MADAN MOHAN

ओ ओ ओ ओ ओ ओ

जहाँ मिले धरती आकाश
जहाँ मिले धरती आकाश
वहा से कोई मुझे पुकारे करे इशारे हो हो हो हो
जहाँ मिले धरती आकाश
जहाँ मिले धरती आकाश

कौन है इतनी दूर किया है, जिसने वहा बसेरा
कौन है इतनी दूर किया है, जिसने वहा बसेरा
जान है ना पहचान मगर, दिल खींच रही है मेरा
क्या ऐसा भी हो सकता है
जहाँ मिले धरती आकाश
जहाँ मिले धरती आकाश

भूली भटकी इक बदली है, या एक आवारा सपना
भूली भटकी इक बदली है ,या एक आवारा सपना
में भी उसे अपना समझू और वो भी मुझे समझे अपना
क्या ऐसा भी हो सकता है
जहाँ मिले धरती आकाश
जहाँ मिले धरती आकाश
वहा से कोई मुझे पुकारे करे इशारे हो हो हो हो
जहाँ मिले धरती आकाश
जहाँ मिले धरती आकाश

Curiosités sur la chanson Jahaan Mile Dharti Aakash de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Jahaan Mile Dharti Aakash” de Mohammed Rafi?
La chanson “Jahaan Mile Dharti Aakash” de Mohammed Rafi a été composée par LATE MADAN MOHAN, RAJINDER KRISHNAN, MADAN MOHAN.

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