Jawan Mohabbat Jahan Jahan Hai

Shankar-Jaikishan, Rajinder Krishnan

जवान मोहब्बत
जहां जहां है
दिलो की जन्नत
वहाँ वहाँ है

पहलू में आ के आग लगा के
जाती हो जान ए तमन्ना कहा
शर्माना कैसा घभराना कैसा
होने दो अब तो मोहब्बत जवां
पहलू में आ केआग लगा के
जाती हो जान ए तमन्ना कहा
शर्माना कैसा घभराना कैसा
होने दो अब तो मोहब्बत जवां

दिल आ रहा है
जान जा रही है
ऐसे में रुक जा कहा जा रही है
तुझको जवान आरज़ू की कसम बांहों में
आजा सिमट के सनम
पहलू में आ के आग लगा के
जाती हो जान ए तमन्ना कहा
शर्माना कैसा घभराना कैसा
होने दो अब तो मोहब्बत जवां

ये शोख मौसम दिलकश नज़ारे
आँखे आँखे दबा के करटे इशारे
बहारें भी पूछे ले हो किधर
हमसे भी दम भर मिला लो नज़र
पहलू में आ के आग लगा के
जाती हो जान ए तमन्ना कहा
शर्माना कैसा घभराना कैसा
होने दो अब तो मोहब्बत जवां हाय

चलती हवाएं क्यों थम रही है
नज़रे हमी पर क्यों जम रही है
लहरों में है ये नगमा रंवा
मोहब्बत जवां है जवान है जवान
पहलू में आ के आग लगा के
जाती हो जान ए तमन्ना कहा
शर्माना कैसा घभराना कैसा
होने दो अब तो मोहब्बत जवां
पहलू में आ के आग लगा के
जाती हो जान ए तमन्ना कहा
शर्माना कैसा घभराना कैसा
होने दो अब तो मोहब्बत जवां
जवान मोहब्बत
जवान जवान मोहब्बत
जवान मोहब्बत

Curiosités sur la chanson Jawan Mohabbat Jahan Jahan Hai de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Jawan Mohabbat Jahan Jahan Hai” de Mohammed Rafi?
La chanson “Jawan Mohabbat Jahan Jahan Hai” de Mohammed Rafi a été composée par Shankar-Jaikishan, Rajinder Krishnan.

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