Kahe Dhunde Ram Ko

Bhagwat Dutt Mishra

काहे ढूंढे
काहे ढूंढे राम को धरती गगन मे
राम को तू देख ले अपने ही मन मे
राम को तू देख ले अपने ही मन मे
अपने ही मन मे
काहे ढूंढे
फूल जो चढ़ाएगा जे चरणों मे भगवान के
राम ही मुस्कते है उन फुलो की मुस्कान मे

आ आ आ आ
आ आ आ आ

राम दरस के प्यासे नैन जो राम बसे उन नैनन मे
राम बसे उन नैनन मे
काहे ढूंढे

आ आ आ आ

काहे ढूंढे राम को धरती गगन मे

पठ अंधियारे मे दिखाते परभु राम ही
डीप की लो बनके जगमगाते परभु राम ही

आ आ आ आ
आ आ आ आ

हाथ मे जो रेखाए बागी की राम ही राम छुपे उनमे
राम ही राम छुपे उनमे
काहे ढूंढे

आ आ आ आ

काहे ढूंढे राम को धरती गगन मे

जिसकी किर्णो से खिलती धरती पे धूप है
और कुछ नही वो सूरज राम का ही वो रूप है

आ आ आ आ
आ आ आ आ

शाम सलोने राम ही बसे चंदा रूपी दर्पण मे
चंदा रूपी दर्पण मे
काहे ढूंढे

आ आ आ आ

काहे ढूंढे राम को धरती गगन मे

क्यू इतनी आदिर है तू राम के मिलन को
राम का ही रूप है तू देख अपने तन को

आ आ आ आ
आ आ आ आ

दसो दिशाए राम माई है राम है जग के कन कन मे
राम है जग के कन कन मे
काहे ढूंढे

आ आ आ आ

काहे ढूंढे राम को धरती गगन मे
राम को तू देख ले अपने ही मन मे
अपने ही मन मे
काहे ढूंढे राम को धरती गगन मे (काहे ढूंढे राम को धरती गगन मे)

राम जय जय राम जय जय राम राजा राम
राम जय जय राम जय जय राम राजा राम
रघुपति रागव राजा राम पतित पावन सीता राम
रघुपति रागव राजा राम पतित पावन सीता राम
सीता राम सीता राम पतित पावन सीता राम
सीता राम सीता राम पतित पावन सीता राम
रघुपति रागव राजा राम पतित पावन सीता राम
रघुपति रागव राजा राम पतित पावन सीता राम
रघुपति रागव राजा राम पतित पावन सीता राम
रघुपति रागव राजा राम पतित पावन सीता राम

Curiosités sur la chanson Kahe Dhunde Ram Ko de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Kahe Dhunde Ram Ko” de Mohammed Rafi?
La chanson “Kahe Dhunde Ram Ko” de Mohammed Rafi a été composée par Bhagwat Dutt Mishra.

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