Kahin Na Kahin Dil Lagana Padega [Revival]

O P Nayyar, S H Bihari

किसी न किसी से कभी न कभी
कहीं न कहीं दिल लगाना पड़ेगा
किसी न किसी से कभी न कभी
कहीं न कहीं दिल लगाना पड़ेगा

एक से एक हीं चेहरे हैं
किस-किस को मैं देखूँ
किसको इनमें अपना समझ संग मैं अपने ले लूँ
कोई रंगीली छैल-छबीली
कोई रंगीली रसीली छैल-छबीली
आज मेरी ज़िन्दगी में आके रहेगी
किसी न किसी से कभी न कभी
कहीं न कहीं दिल लगाना पड़ेगा
किसी न किसी से कभी न कभी
कही न कहीं दिल लगाना पड़ेगा

ढूँढ रहा है मै वो दुनिया प्यार जिसे कहते हैं
ढूँढ रहा हू मैं वो दुनिया प्यार जिसे कहते हैं
कौन वो किस्मत वाले हैं जो लोग वहाँ रहते हैं
मुझको मेरे दिल लेके वहीं चल
मुझको मेरे दिल मेरे दिल लेके वहीं चल
आए जहाँ हाथ कोई रेशमी आँचल
किसी न किसी से कभी न कभी
कहीं न कहीं दिल लगाना पड़ेगा
किसी न किसी से कभी न कभी
कहीं न कहीं दिल लगाना पड़ेगा

ऐसी नाजुक हो वो जिसका
शबनम मुँह धोती हो
चाँद भी सद॒के होता हो, जब रात को वो सोती हो
आँख शराबी गाल गुलाबी
आँख शराबी शराबी गाल गुलाबी
प्यार से सवार दे जो मेरी ज़िन्दगी मेरी
किसी न किसी से कभी न कभी
कहीं न कहीं दिल लगाना पड़ेगा
किसी न किसी से कभी न कभी
कहीं न कहीं दिल लगाना पड़ेगा

Curiosités sur la chanson Kahin Na Kahin Dil Lagana Padega [Revival] de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Kahin Na Kahin Dil Lagana Padega [Revival]” de Mohammed Rafi?
La chanson “Kahin Na Kahin Dil Lagana Padega [Revival]” de Mohammed Rafi a été composée par O P Nayyar, S H Bihari.

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