Kahin Qarar Na Ho

Sahir Ludhianvi

कही करार न हो और कही ख़ुशी न मिले
हमारे बाद किसी को ये जिंदगी न मिले
कही करार न हो

सियाह-नसीब कोई उनसे बढ़के क्या होगा
सियाह-नसीब कोई उनसे बढ़के क्या होगा
जो अपना घर भी जला दे
तो रौशनी न मिले
हमारे बाद किसी को ये जिंदगी न मिले
कही करार न हो

यही सुलूक है अगर आदमी से दुनिया का
यही सुलूक है अगर आदमी से दुनिया का
तो कुछ अजब नहीं दुनिआ में आदमी न मिले
हमारे बाद किसी को ये जिंदगी न मिले
कही करार न हो

ये बेबसी भी किसी बद दुआ से कम तो नहीं
ये बेबसी भी किसी बद दुआ से कम तो नहीं
के खुल के जी न सके और मौत भी न मिले
हमारे बाद किसी को ये जिंदगी न मिले
कही करार न हो

Curiosités sur la chanson Kahin Qarar Na Ho de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Kahin Qarar Na Ho” de Mohammed Rafi?
La chanson “Kahin Qarar Na Ho” de Mohammed Rafi a été composée par Sahir Ludhianvi.

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