Kisi Ki Yaad Mein Payi Hain
MAQBOOL, IQBAL HUSSAIN, NAQSH LYALLPURI
किसी की याद में पाई है जब कमी हमने
किसी की याद में पाई है जब कमी हमने
तो आँसुओं से जला दी है ज़िंदगी हमने
किसी की याद में
सियहा रात का दामन है और कुछ भी नही
सियहा रात का दामन है और कुछ भी नही
वो जिस मुकाम पे देखी थी रोशनी हमने
किसी की याद में
तेरे खयाल का शीशा ना टूट जाए कही
तेरे खयाल का शीशा ना टूट जाए कही
इसी खयाल में हर शब गुज़ार दी हमने
तो आँसुओं से जला दी है ज़िंदगी हमने
किसी की याद में