Kya Yun Hi Rooth Ke Jane Ko

RAVI, SHAKEEL BADAYANI

बना के मेरा मुक़द्दर बिगाड़ने वाले
जवाब दे ओ मेरा घर उजाड़ने वाले
क्या यूँ ही रूठ के जाने को मोहब्बत की थी
क्या यूँ ही रूठ के जाने को मोहब्बत की थी
ज़िंदगी मेरी मिटाने को मोहब्बत की थी
क्या यूँ ही रूठ के जाने को मोहब्बत की थी

आँख मे खाब तेरे लब पे कहानी तेरी
मुझको तड़पाती है दिन रात निशानी तेरी
क्या मुझे तूने रुलाने को मोहब्बत की थी
ज़िंदगी मेरी मिटाने को मोहब्बत की थी
क्या यूँ ही रूठ के जाने को मोहब्बत की थी

ओ मुझे भूलने वाले तू कहाँ है आजा
ओ मुझे भूलने वाले तू कहाँ है आजा
क्या हुई मुझसे खाता ये तो ज़रा बतला जा
या ये कह दे के दिखाने को मोहब्बत की थी
ज़िंदगी मेरी मिटाने को मोहब्बत की थी
क्या यूँ ही रूठ के जाने को मोहब्बत की थी
क्या यूँ ही रूठ के जाने को मोहब्बत की थी

Curiosités sur la chanson Kya Yun Hi Rooth Ke Jane Ko de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Kya Yun Hi Rooth Ke Jane Ko” de Mohammed Rafi?
La chanson “Kya Yun Hi Rooth Ke Jane Ko” de Mohammed Rafi a été composée par RAVI, SHAKEEL BADAYANI.

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