Log Kahte Hai Ki

Roshan, Sahir Ludhianvi

लोग कहते हैं कि हम तुमसे किनारा कर ले
तुम जो कह दो तोह सितम यह भी गवारा कर ले
लोग कहते हैं

तुमने जिस हाले परेशां से निकला था हमें
आसरा दे के मोहब्बत का संभाला था हमें
सोचते हैं कि वही
सोचते हैं कि वही हाल दोबारा कर ले
तुम जो कह दो तोह सितम यह भी गवारा कर ले
लोग कहते हैं

यूँ भी अब तुमसे मुलाकात नहीं होने की
मिल भी जाओ
मिल भी जाओ तोह कोई बात नहीं होने की
आख़री बार बस अब
आख़री बार बस अब जिक्र् तुम्हारा कर ले
तुम जो कह दो तोह सितम यह भी गवारा कर ले
लोग कहते हैं

आखरी बार खयालो में बुला ले तुमको
आखरी बार कलेजे से लगा ले तुमको
और फिर अपने तड़पने
और फिर अपने तड़पने का नजारा कर ले
तुम जो कह दो तोह सितम यह भी गवारा कर ले
लोग कहते हैं कि हम तुमसे किनारा कर ले

Curiosités sur la chanson Log Kahte Hai Ki de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Log Kahte Hai Ki” de Mohammed Rafi?
La chanson “Log Kahte Hai Ki” de Mohammed Rafi a été composée par Roshan, Sahir Ludhianvi.

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