Main Zindagi Ka Saath [Jhankar Beats]

JAIDEV, SAHIR LUDHIANVI

मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा

बरबादियों का शोक मनाना फ़जूल था
बरबादियों का शोक मनाना फ़जूल था
मनाना फ़जूल था मनाना फ़जूल था
बरबादियों का जश्न मनाता चला गया
बरबादियों का जश्न मनाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा

जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया
जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया
मुकद्दर समझ लिया मुकद्दर समझ लिया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा

ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
न महसूस हो जहाँ न महसूस हो जहाँ
मैं दिल को उस मुक़ाम पे लाता चला गया
मैं दिल को उस मुक़ाम पे लाता चला गया
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया

Curiosités sur la chanson Main Zindagi Ka Saath [Jhankar Beats] de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Main Zindagi Ka Saath [Jhankar Beats]” de Mohammed Rafi?
La chanson “Main Zindagi Ka Saath [Jhankar Beats]” de Mohammed Rafi a été composée par JAIDEV, SAHIR LUDHIANVI.

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