Maine Kab Chaha Ki

Majrooh Sultanpuri, R D Burman

ओ ज़मके नच नी सोनिये यही है ज़िन्दगी
जो न मिले और जो मिलता है
मस्त मलंग को सब चलता है
मैंने कब चाहा के दूल्हा बनूँगा
अरे मैंने कब चाहा के दूल्हा बनूँगा
बन ही गया तो ठीक है
बन ही गया तो ठीक है

ओ छम्के नाचूँगी
तेरे लिए रसीले सैया जी
ओ जो न मिले और जो मिलता है
तेरे संग मुझको भी सब चलता है
मैंने भी न सोचा के तू न मिलेगा
ओ मैंने भी न सोचा के तू न मिलेगा
मिल ही गया तो ठीक है
मिल ही गया तो ठीक है

हो मिल ही गया तो ठीक है
मिल ही गया तो ठीक है

मैंने कब चाहा के दूल्हा बनूँगा

चांदनी की रात है वह जी क्या बात है
सामने दिलदार है मस्त मेरा प्यार है
आहा पयलिया है बोलती ओ हो
बाजने दे ढोलकी आहा
मेरी बिन्दिया चमकी
चाँदनी और दमकी
सोनिये होए होए होए होए
तेरे बदन का शोला जो भड़के
अरे पत्थर का दिल सीने में धड़क
मुझपे कब चलता था जादू किसी का
मुझपे कब चलता था जादू किसी का
चल ही गया तो ठीक है
चल ही गया तो ठीक है
ओ मैंने भी न सोचा के तू न मिलेगा
मैंने भी न सोचा के तू न मिलेगा
और मिल ही गया तो ठीक है
मिल ही गया तो ठीक है

दर्द के दिन बीते प्रीत में हम जीते
प्यार कुड़िये प्यार है जीते है न हार है
में मिटटी साखिया ओ हो तूने तो न कर दिया
अरे तुमको चूम लू चुमके और झूम लूँ
रांझिया तेरे संग झुमु तेरे संग गाउँ
बैया पकड़ के गरबा लगाऊं

मैं तो कब लगता गले से किसी के
हा मै तो कब लगता गले से किसी के
और लग ही गया तो ठीक है
लग ही गया तो ठीक है

ओ मैंने भी न सोचा के तू न मिलेगा
मैंने भी न सोचा के तू न मिलेगा
और मिल ही गया तो ठीक है
मिल ही गया तो ठीक है

हुर्र होय होय होय होय
सोनिया रांझिया हिरिया सठिया
ओये ज़मके नाचनी
सोनिये यही है ज़िन्दगी हुर्र

Curiosités sur la chanson Maine Kab Chaha Ki de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Maine Kab Chaha Ki” de Mohammed Rafi?
La chanson “Maine Kab Chaha Ki” de Mohammed Rafi a été composée par Majrooh Sultanpuri, R D Burman.

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