Maut Kabhi Bhi Mil Sakti Hai

O P Nayyar, Sahir Ludhianvi

मौत कभी भी मिल सकती है
लेकिन जीवन कल ना मिलेगा
मरने वाले सोच समझ ले
फिर तुझको ये पल ना मिलेगा

रात भर का है मेहमान अँधेरा
किसके रोक रुका है सवेरा
रात भर का है मेहमान अँधेरा
किसके रोक रुका है सवेरा
रात भर का है मेहमान अँधेरा

रात जितनी भी संगीन होगी
सुबह उठनी ही रंगिन होगी
रात जितनी भी संगीन होगी
सुबह उठनी ही रंगिन होगी
गुम ना कर अगर है बादल घनेरा
किसके रोक रुका है सवेरा
रात भर का है मेहमान अँधेरा

लैब पे शिकवा ना ला
अक्ष पी ले
जिस तरह भी हो कुछ देर जी ले
लैब पे शिकवा ना ला
अक्ष पी ले
जिस तरह भी हो कुछ देर जी ले
अब उखड़ने को है गम का डेरा
किसके रोक रुका है सवेरा
रात भर का है मेहमान अँधेरा

हा कोई मिल्के तद्बीर सोचे
सुख से सपनो की तबीर सोचे
हा कोई मिल्के तद्बीर सोचे
सुख से सपनो की तबीर सोचे
जो तेरा है वही गम है मेरा
किसके रोक रुका है सवेरा
रात भर का है मेहमान अँधेरा
किसके रोक रुका है सवेरा

Curiosités sur la chanson Maut Kabhi Bhi Mil Sakti Hai de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Maut Kabhi Bhi Mil Sakti Hai” de Mohammed Rafi?
La chanson “Maut Kabhi Bhi Mil Sakti Hai” de Mohammed Rafi a été composée par O P Nayyar, Sahir Ludhianvi.

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