Mehbooba Teri Tasveer [Revival]
महबूबा तेरी तस्वीर किस तरह मैं बनाऊँ हम्म हं हं
तेरी ज़ुल्फ़ों की दास्ताँ किस तरह मैं सुनाऊँ हम्म हं हं
आ आ आ महबूबा तेरी तस्वीर
तेरे लिए कहूँ कोई बात
तेरे लिए सोचूँ कोई नाम
मैं तो बस दीवाना हो गया
नहीं मेरे बस का ये काम
तेरे जैसा कोई कहीं देखा ना सुना है
महबूबा
महबूबा तेरी तस्वीर किस तरह मैं बनाऊँ हम्म हं हं
तारे मौजें रुत और जाम
नगमे पैमाने बुत और फूल
सब तेरी राहों की ख़ाक़
सब तेरे क़दमों की धूल
तेरे जैसा कोई कहीं देखा ना सुना है
महबूबा
महबूबा तेरी तस्वीर किस तरह मैं बनाऊँ हम्म हं हं
नज़रों से देखा है तुझे
आता नहीं फिर भी यक़ीन
क्योंकी मेरी दुनिया के लोग
होते नहीं इतने हसीन
तेरे जैसा कोई कहीं देखा ना सुना है
महबूबा
महबूबा तेरी तस्वीर किस तरह मैं बनाऊँ हम्म हं हं
तेरी ज़ुल्फ़ों की दास्ताँ किस तरह मैं सुनाऊँ हम्म हं हं
हाए महबूबा तेरी तस्वीर