Mere Dushman

ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA

मेरे दिल से सिटमगर तूने अच्छी दिल्लगी की है
के बनके दोस्त अपने दोस्तों से दुश्मनी की है
मेरे दुश्मन तू मेरी दोस्ती को तरसे
मेरे दुश्मन तू मेरी दोस्ती को तरसे
मुझे गम देने वाले तू खुशी को तरसे
मेरे दुश्मन

तू फूल बने पतझड़ का
तुझपे बाहर ना आए कभी
मेरी ही तरह तू तडपे
तुझको करार ना आए कभी
तुझको करार ना आए कभी
जिए तू इस तरह के ज़िंदगी को तरसे
मेरे दुश्मन तू मेरी दोस्ती को तरसे
मेरे दुश्मन

इतना तो असर कर जायें
मेरी वफ़ायें ओ बेवफा
इक रोज़ तुझे याद आयें
अपनी जफायें ओ बेवफा
अपनी जफायें ओ बेवफा
पशेमा होके रोए तू हँसी को तरसे
मेरे दुश्मन तू मेरी दोस्ती को तरसे
मेरे दुश्मन

तेरे गुलशन से ज़्यादा वीरान कोई वीरना ना हो
इस दुनिया में कोई तेरा अपना तो क्या बेगाना ना हो
अपना तो क्या बेगाना ना हो
किसी का प्यार क्या तू बेरुकी को तरसे
मेरे दुश्मन तू मेरी दोस्ती को तरसे
मुझे गम देने वाले तू खुशी को तरसे
मेरे दुश्मन

Curiosités sur la chanson Mere Dushman de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Mere Dushman” de Mohammed Rafi?
La chanson “Mere Dushman” de Mohammed Rafi a été composée par ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA.

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