Meri Duniya Lut Rahi Thi Aur Mai Khamosh Tha

Majrooh Sultanpuri

मैं ज़िन्दगी में हरदम
रोता ही रहा हूँ
मैं ज़िन्दगी में हरदम
रोता ही रहा हूँ
रोता ही रहा हूँ
तड़पता ही रहा हूँ
मैं ज़िन्दगी में हरदम
रोता ही रहा हूँ

उम्मीद के दिए बुझे
दिल में है अंधेरा
उम्मीद के दिए बुझे
दिल में है अंधेरा
जीवन का साथी न
बना कोई भी मेरा
जीवन का साथी न
बना कोई भी मेरा
फिर किसके लिए
फिर किसके लिए आज
मैं जीता ही रहा हूँ
मैं ज़िन्दगी में हरदम
रोता ही रहा हूँ
मैं ज़िन्दगी में हरदम
रोता ही रहा हूँ

रह-राह के हँसा है
मेरी हालत पे ज़माना
रह-राह के हँसा है
मेरी हालत पे ज़माना
क्या दुख है मुझे ये
तो किसी ने भी न जाना
क्या दुख है मुझे ये
तो किसी ने भी न जाना
खामोश
खामोश मोहब्बत लिए
फिरता ही रहा हूँ
मैं ज़िन्दगी में हरदम
रोता ही रहा हूँ
मैं ज़िन्दगी में हरदम
रोता ही रहा हूँ

आई न मुझे रास
मोहब्बत की फिज़ाये
आई न मुझे रास
मोहब्बत की फिज़ाये
शरमाई मेरी आँख
से सावन की घटाए
शरमाई मेरी आँख
से सावन की घटाए
लहरों में सदा
लहरों में सदा गम को
बहाता ही रहा हूँ
मैं ज़िन्दगी में हरदम
रोता ही रहा हूँ
मैं ज़िन्दगी में हरदम
रोता ही रहा हूँ
रोता ही रहा हूँ
तड़पता ही रहा हूँ
मैं ज़िन्दगी में हरदम
रोता ही रहा हूँ

Curiosités sur la chanson Meri Duniya Lut Rahi Thi Aur Mai Khamosh Tha de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Meri Duniya Lut Rahi Thi Aur Mai Khamosh Tha” de Mohammed Rafi?
La chanson “Meri Duniya Lut Rahi Thi Aur Mai Khamosh Tha” de Mohammed Rafi a été composée par Majrooh Sultanpuri.

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