Meri Mohabbat Kabool Karlo

KHAWAR ZAMAN, MOHAMMED ZAHUR KHAYYAM

मेरी मोहब्बत कबूल कर लो
मेरी मोहब्बत कबूल कर लो
गरीब शायर के आँसूओ का हकिर तौफा कबूल कर लो
मेरी मोहब्बत
मेरी मोहब्बत में सादगी हैं मेरी मोहब्बत में आज ज़ी हैं
मेरी मोहब्बत में शायरी हैं ये शायरी भी तो आपकी ही हैं
मेरी मोहब्बत कबूल कर लो हाय
मेरी मोहब्बत है चाँद जैसी जो शब में किरणे लुटा रहा हूँ
मेरी मोहब्बत है फूल जैसी जो हर घड़ी मुस्कुरा रहा हूँ
मेरी मोहब्बत
मुझे तो कुछ इसका ग़म नहीं है के मेरी दुनिया में ग़म ही गम हैं
मेरी मोहब्बत चकोर जैसी के जिसपे जितना हो नाज कम है
मेरी मोहब्बत कबूल कर लो
गरीब शायर के आँसूओ का हकिर तौफा कबूल कर लो

Curiosités sur la chanson Meri Mohabbat Kabool Karlo de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Meri Mohabbat Kabool Karlo” de Mohammed Rafi?
La chanson “Meri Mohabbat Kabool Karlo” de Mohammed Rafi a été composée par KHAWAR ZAMAN, MOHAMMED ZAHUR KHAYYAM.

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