Meri Nigah Ne

Khaiyyaam, Majrooh Sultanpuri

मेरी निगाह ने क्या काम लाजवाब किया
मेरी निगाह ने क्या काम लाजवाब किया
उन्ही के लाखो हसीनो में इंतख़ाब किया
मेरी निगाह ने क्या

वो आये घर में बहार आके रुक गयी जैसे
वो आये घर में बहार आके रुक गयी जैसे
फ़िज़ा में फूल की डाली सी झुक गयी जैसे
कुछ इस अदा से किसी सोख ने हिज़ाब किया
कुछ इस अदा से किसी सोख ने हिज़ाब किया
मेरी निगाह ने क्या

वो जुल्फें नाज खुली
खुल के कुछ ढलक सी गयी
सितारे टूट पड़े चाँदनी छलक सी गयी
जो मैंने चेहरा ए जाना बेनकाब किया
मेरी निगाह ने क्या काम लाजवाब किया
मेरी निगाह ने क्या

ये मेरे गीत में जो रंग है नजाकत है
ये मेरे गीत में जो रंग है नजाकत है
ये सब उसी निगाहे नाज की इनायत है
के मुज से जररए को चमका के आफताब किया
मेरी निगाह ने क्या काम लाजवाब किया
उन्ही को लाखो हसीनो में इंतख़ाब किया

Curiosités sur la chanson Meri Nigah Ne de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Meri Nigah Ne” de Mohammed Rafi?
La chanson “Meri Nigah Ne” de Mohammed Rafi a été composée par Khaiyyaam, Majrooh Sultanpuri.

Chansons les plus populaires [artist_preposition] Mohammed Rafi

Autres artistes de Religious