Mohabbat Se Dekha Khafa Ho Gaye

ROSHAN, MAJROOH SULTANPURI

मोहब्बत से देखा खफा हो गए है
हसीं आज कल के खुदा हो गए है
मोहब्बत से देखा खफा हो गए है

अदाओ में थी सादगी अब से पहले
हो अदाओ में थी सादगी अब से पहले
वल्लाह कहा रंग थे ये सुनहरे पहले
हो नजर मिलते ही
नजर मिलते ही क्या से क्या हो गए है
हसीं आज कल के खुदा हो गए है
मोहब्बत से देखा खफा हो गए है

किसी मोड़ से बनके सूरज निकलना
हो किसी मोड़ से बनके सूरज निकलना
तौबा कही धुप में चाँदनी बन के चलना
हो जिधर देखो जलवा
जिधर देखो जलवा नुमा हो गए है
हसीं आज कल के खुदा हो गए है
मोहब्बत से देखा खफा हो गए है

यहाँ तो लगा दिल पे एक ज़ख्म गहरा
हो यहाँ तो लगा दिल पे एक ज़ख्म गहरा
हाय वहां सिर्फ उनका ये अंदाज़ ठहरा
हो खता करके भी
खता करके भी बेख़ता हो गए है
हसीं आज कल के खुदा हो गए है
मोहब्बत से देखा खफा हो गए है

Curiosités sur la chanson Mohabbat Se Dekha Khafa Ho Gaye de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Mohabbat Se Dekha Khafa Ho Gaye” de Mohammed Rafi?
La chanson “Mohabbat Se Dekha Khafa Ho Gaye” de Mohammed Rafi a été composée par ROSHAN, MAJROOH SULTANPURI.

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