Mujhe Teri Mohabbat Ka Sahara

Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA

दिल शाद था के फूल खिलेंगे बहार में
मारा गया ग़रीब इसी ऐतबार में

मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता

मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता

ना था मंज़ूर क़िस्मत को
ना थी मर्ज़ी बहारों की
नहीं तो इस गुलिस्ताँ में
नहीं तो इस गुलिस्ताँ में
कमी थी क्या नज़ारों की
मेरी नज़रों को भी कोई
नज़ारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता

ख़ुशी से अपनी आँखों को
मैं अश्क़ों से भिगो लेता
मेरे बदले तू हँस लेती
मेरे बदले तू हँस लेती
तेरे बदले मैं रो लेता
मुझे ऐ काश तेरा दर्द
सारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता

मिली है चाँदनी जिनको
ये उनकी अपनी क़िस्मत है
मुझे अपने मुक़द्दर से
मुझे अपने मुक़द्दर से
फ़क़त इतनी शिकायत है
मुझे टूटा हुआ कोई
सितारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता

Curiosités sur la chanson Mujhe Teri Mohabbat Ka Sahara de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Mujhe Teri Mohabbat Ka Sahara” de Mohammed Rafi?
La chanson “Mujhe Teri Mohabbat Ka Sahara” de Mohammed Rafi a été composée par Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA.

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