O Mere Shahe Khuban

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

ओ मेरे शाहे खूबां
ओ मेरी जान-ए-जाना ना
तुम मेरे पास होते हो
कोई दूसरा नहीं होता
तुम मेरे पास होते हो
कोई दूसरा नहीं होता
ओ मेरे शाहे खूबां
ओ मेरी जान-ए-जाना ना
तुम मेरे पास होते हो
कोई दूसरा नहीं होता

कब खयालों की धुप ढलती है
हर कदम पर शमा सी जलती है
मेरा साया जिधर भी जाता है
तेरी तस्वीर साथ चलती है
ओ मेरे शाहे खूबां
ओ मेरी जान-ए-जाना ना
तुम मेरे पास होते हो
कोई दूसरा नहीं होता
तुम मेरे पास होते हो
कोई दूसरा नहीं होता

तुम हो सेहेरा में तुम गुलिस्ताँ में
तुम हो जर्रों में तुम भी आबाँ में
मैने तुम को कहाँ कहाँ देखा
छुप के रहते हो तुम रग-ए-जान में
ओ मेरे शाहे खूबां
ओ मेरी जान-ए-जाना ना
तुम मेरे पास होते हो
कोई दूसरा नहीं होता
तुम मेरे पास होते हो
कोई दूसरा नहीं होता

मेरी आँखों की जुस्तजू तुम हो
इल्तजा तुम हो आरज़ू तुम हो
मैं किसी और को तो क्या जानू
मेरी उल्फत की आबरू तुम हो
ओ मेरे शाहे खूबां
ओ मेरी जान-ए-जाना ना
तुम मेरे पास होते हो
कोई दूसरा नहीं होता
तुम मेरे पास होते हो
कोई दूसरा नहीं होता

Curiosités sur la chanson O Mere Shahe Khuban de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “O Mere Shahe Khuban” de Mohammed Rafi?
La chanson “O Mere Shahe Khuban” de Mohammed Rafi a été composée par Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

Chansons les plus populaires [artist_preposition] Mohammed Rafi

Autres artistes de Religious