Palkon Pe Charagh Jale Hain

IQBAL, DANISH BAREILVI

आह आ आ ए
पलकों पे भी चराग़ जले हैं हँसी के साथ
पलकों पे भी चराग़ जले हैं हँसी के साथ
ऐसे भी कुछ मज़ाक हुए ज़िंदगी के साथ

यूँ तो १००० ग़म थे मगर इसके बावजूद
आह आ आ
उनका भी ग़म उठा लिया हमने खुशी के साथ

वो जिसके साथ-साथ ज़माना चला गया
कुछ दूर तक तो हम भी चलेंगे उसी के साथ

तुम ही क़ुसूरवार नहीं तर्क-ए-इश्क़ में
आह आ आ
मेरा भी है क़ुसूर तेरी बेरुख़ी के साथ
मेरा भी है क़ुसूर तेरी बेरुख़ी के साथ

Curiosités sur la chanson Palkon Pe Charagh Jale Hain de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Palkon Pe Charagh Jale Hain” de Mohammed Rafi?
La chanson “Palkon Pe Charagh Jale Hain” de Mohammed Rafi a été composée par IQBAL, DANISH BAREILVI.

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