Pee Kar Sharab Kheloonga Main

Naushad, Rajinder Krishnan

इधर सरब का सागर
उधर सबब का जाम
इसे पिए या उसे
सोच में शराबी है
सरब से तो बुझा लुँगा
प्यास होठो की
सबब आँख से पी
लू तो क्या खराबी है

पी कर शराब खेलूँगा
मैं तो मैं तो सबब से
हाय बैठे है मेरे
सामने चेहरे गुलाब से
पी कर शराब खेलूँगा
मैं तो मैं तो सबब से
हाय बैठे है मेरे
सामने चेहरे गुलाब से

सकीय इधर सुराही
उधर ज़ुल्फ़ है खुली
ऐसे में ज़िन्दगी है
नशे में धुली धुली
सकीय इधर सुराही
उधर ज़ुल्फ़ है खुली
ऐसे में ज़िन्दगी है
नशे में धुली धुली
एक ख्वाब देखा हूँ
या जागा हूँ ख़्वाब से
पी कर शराब खेलूँगा
मैं तो मैं तो सबब से
हाय बैठे है मेरे
सामने चेहरे गुलाब से
पी कर

मैं लड़खड़ा गया
तो बड़ी बात क्या हुई
बहके न पी के
रात को तो रात क्या हुई
मैं लड़खड़ा गया
तो बड़ी बात क्या हुई
बहके न पी के
रात को तो रात क्या हुई
पानी नहीं शराब
पिऊ जो हिसाब से
पी कर शरण खेलूँगा
मैं तो मैं तो सबब से
हाय बैठे है मेरे
सामने चेहरे गुलाब से
पी कर

Curiosités sur la chanson Pee Kar Sharab Kheloonga Main de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Pee Kar Sharab Kheloonga Main” de Mohammed Rafi?
La chanson “Pee Kar Sharab Kheloonga Main” de Mohammed Rafi a été composée par Naushad, Rajinder Krishnan.

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