Pukarta Chala Hoon Main

Majrooh Sultanpuri, O P Nayyar

पुकारता चला हूँ मैं गली गली बहार की
बस एक छाव ज़ुल्फ की
बस एक निगाह प्यार की
पुकारता चला हूँ मैं गली गली बहार की
बस एक छाव ज़ुल्फ की
बस एक निगाह प्यार की
पुकारता चला हूँ मैं
ये दिल्लगी ये शोखिया सलाम की
यही तो बात हो रही है काम की
कोई तो मुड़ के देख लेगा इस तरफ
कोई नज़र तो होगी मेरे नाम की
पुकारता चला हूँ मैं गली गली बहार की
बस एक चाव ज़ुल्फ की
बस एक निगाह प्यार की
पुकारता चला हूँ मैं

सुनी मेरी सदा तो किस यक़ीन से
घटा उतर के आ गयी ज़मीन पे
रही यही लगान तो अए दिल ए जवा
असर भी हो रहेगा एक हसीन पे
पुकारता चला हूँ मैं गली गली बहार की
बस एक छाव ज़ुल्फ की
बस एक निगाह प्यार की
पुकारता चला हूँ मैं

Curiosités sur la chanson Pukarta Chala Hoon Main de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Pukarta Chala Hoon Main” de Mohammed Rafi?
La chanson “Pukarta Chala Hoon Main” de Mohammed Rafi a été composée par Majrooh Sultanpuri, O P Nayyar.

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