Raat Bhar Ka Hai Mehman Andhera

O P Nayyar, Sahir Ludhianvi

रात भर का है मेहमान अंधेरा
किस के रोके रूका है सवेरा
रात भर का है मेहमान अंधेरा
किस के रोके रूका है सवेरा
रात भर का है मेहमान अंधेरा

आ कोई मिलके तदबीर सोचे
सुख के सपनो की ताबीर सोचे
आ कोई मिलके तदबीर सोचे
सुख के सपनो की ताबीर सोचे
जो तेरा है वो ही गम है मेरा
किस के रोके रूका है सवेरा
रात भर का है मेहमान अंधेरा
किस के रोके रूका है सवेरा

रात जितनी भी संगीन होगी
सुबह उतनी ही रंगीन होगी
रात जितनी भी संगीन होगी
सुबह उतनी ही रंगीन होगी

गम न कर गर है बादल घनेरा
किस के रोके रूका है सवेरा
रात भर का है मेहमान अंधेरा
किस के रोके रूका है सवेरा
रात भर का है मेहमान अंधेरा

Curiosités sur la chanson Raat Bhar Ka Hai Mehman Andhera de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Raat Bhar Ka Hai Mehman Andhera” de Mohammed Rafi?
La chanson “Raat Bhar Ka Hai Mehman Andhera” de Mohammed Rafi a été composée par O P Nayyar, Sahir Ludhianvi.

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