Raham Kabhi To Farmao

Sahir Ludhianvi

रेहम कभी तो फरमाओ माओ
माओ मेरी लैला

ऊँचे सुरों में मत गाओ गाओ
गाओ भई छैला

अरे वाह वाह
रेहम कभी तो फरमाओ माओ
माओ मेरी लैला

ऊँचे सुरों में मत गाओ गाओ
गाओ भई छैला

फिर से लगा ओ यही तान तुम
फिर से ये प्यारी धून गाओ

अरे साफ़ करो जरा कान तुम
मत यूंही शोर मचाओ

अच्छा सामने आओ मेरी जान तुम
रूप के ना तीर चलाओ

दिल से भुलाओ मेरा ध्यान तुम
और किसी का सर खाओ खाओ

रेहम कभी तो फरमाओ माओ
माओ मेरी लैला

ऊँचे सुरों में मत गाओ गाओ
गाओ भाई छैला

माला बन के तेरे नाम की
अरे जपता हुं शाम सवेरे

हम्म हम्म शक्ल तो देखो गुल्फ़ाम की
बनते है आशिक़ मेरे

ऐसा ही होगा फिर
करनी है बातें बड़े काम की
आओ कभी भक्तों के डेरे

अरे शीशी मंगालो जरा बाम की
तब सुनूं दुखडे तेरे

रेहम कभी तो फरमाओ माओ
माओ मेरी लैला

ऊँचे सुरों में मत गाओ गाओ
गाओ भाई छैला

तीर ए अदा से हमे मार के
Madam अब मुखडा ना मोड़ो

Shut up shut up
जाकर किसी दिवार से
जाके सर अपना फोड़ो

टुकड़े हमारे दिलजार के
कम से कम आज ही जोड़ो

मारूंगी मैं sandal उतार के
जाओ भागो बस बस छोडो

अरे अरे रेहम कभी तो फरमाओ माओ
माओ मेरी लैला

ऊँचे सुरों में मत गाओ गाओ
गाओ भई छैला

रेहम कभी तो फ फ फरमाओ

Curiosités sur la chanson Raham Kabhi To Farmao de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Raham Kabhi To Farmao” de Mohammed Rafi?
La chanson “Raham Kabhi To Farmao” de Mohammed Rafi a été composée par Sahir Ludhianvi.

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