Taqdeer Kahan Le Jayegi Malum Nahi

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

तकदीर कहा ले जाएगी मालूम नही
तकदीर कहा ले जाएगी मालूम नही
लेकिन है यकीन आएगी मंज़िल आएगी मंज़िल
तकदीर कहा ले जाएगी मालूम नही

पैरों की थकन कहती है ठहर
मुश्किल है डगर, लंबा है सफ़र
पैरों की थकन कहती है ठहर
मुश्किल है डगर, लंबा है सफ़र
पर दिल कहता है गर्दिश भी आख़िर तो कही पहुँचाएगी
लेकिन है यकीन आएगी मंज़िल आएगी मंज़िल
तकदीर कहा ले जाएगी मालूम नही

हैरत से ना तुम देखो मुझको और हाल भी मेरा मत पूछो
हैरत से ना तुम देखो मुझको और हाल भी मेरा मत पूछो
अब मेरी तबीयत बातो से कुछ भी ना बहलने पाएगी
लेकिन है यकीन आएगी मंज़िल आएगी मंज़िल
तकदीर कहा ले जाएगी मालूम नही
लेकिन है यकीन आएगी मंज़िल आएगी मंज़िल
तकदीर कहा ले जाएगी मालूम नही

Curiosités sur la chanson Taqdeer Kahan Le Jayegi Malum Nahi de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Taqdeer Kahan Le Jayegi Malum Nahi” de Mohammed Rafi?
La chanson “Taqdeer Kahan Le Jayegi Malum Nahi” de Mohammed Rafi a été composée par SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan.

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