Tu Aap Hai Apna Chor

CHITRAGUPTA, RAJINDER KRISHAN

तू आप है अपना चोर
काहे रपट करे कोतवाली
तू आप है अपना चोर
काहे रपट करे कोतवाली

मुखड़ा तेरा साहू जैसे
मानव तेरा लुटेरा
मुखड़ा तेरा साहू जैसे
मानव तेरा लुटेरा
दया धरम की गली
कभी न डाला तूने फेरा
वही बगीचा लूटा रे तूने
वही बगीचा लूटा रे तूने
था तू जिसका मालि
काहे रपट करे कोतवाली
तू आप है अपना चोर काहे
रपट करे कोतवाली

पेड़ लगाया पाप का माँगे
बदले में नारंगी
पेड़ लगाया पाप का माँगे
बदले में नारंगी
लाख छिपाए रेशम
से काय तेरी नंगी
भरी रहेगी तेरी तिजोरी
भरी रहेगी तेरी तिजोरी
हाथ रहेंगे खाली
काहे रपट करे कोतवाली
तू आप है अपना चोर
काहे रपट करे कोतवाली

तू समझे तो बड़ा सयाना
मैं समझूँ दीवाना
तू समझे तो बड़ा सयाना
मैं समझूँ दीवाना
सच्चे थानेदार को
अब तक न पहचाना
जिस पर बैठा मूरख जिस पर बैठा मूरख
काट रहा वही डाली
काहे रपट करे कोतवाली
तू आप है अपना चोर
काहे रपट करे कोतवाली
तू आप है अपना चोर
काहे रपट करे कोतवाली

Curiosités sur la chanson Tu Aap Hai Apna Chor de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Tu Aap Hai Apna Chor” de Mohammed Rafi?
La chanson “Tu Aap Hai Apna Chor” de Mohammed Rafi a été composée par CHITRAGUPTA, RAJINDER KRISHAN.

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