Tum Kamsin Ho Nadaan Ho

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

तुम कमसिन हो नादाँ हो नाज़ुक हो भोली हो
तुम कमसिन हो नादाँ हो नाज़ुक हो भोली हो
सोचता हूँ मैं तुम्हें प्यार ना करूँ
मैं तुम्हें प्यार ना करूँ
तुम कमसिन हो नादाँ हो नाज़ुक हो भोली हो
सोचता हूँ मैं कि तुम्हें प्यार ना करूँ
मैं तुम्हें प्यार ना करूँ

मदहोश अदा ये अल्हड़पन
बचपन तो अभी रूठा ही नहीं
एहसास है क्या और क्या है तड़प
इस सोच में दिल डूबा ही नहीं
एहसास है क्या और क्या है तड़प
इस सोच में दिल डूबा ही नहीं
तुम कमसिन हो नादाँ हो नाज़ुक हो भोली हो
सोचता हूँ मैं कि तुम्हें प्यार ना करूँ
मैं तुम्हें प्यार ना करूँ

तुम आहें भरो और शिकवे करो
ये बात हमें मंज़ूर नहीं
तुम तारे गिनो और नींद उड़े
वो रात हमें मंज़ूर नहीं
तुम तारे गिनो और नींद उड़े
वो रात हमें मंज़ूर नहीं
तुम कमसिन हो नादाँ हो नाज़ुक हो भोली हो
सोचता हूँ मैं कि तुम्हें प्यार ना करूँ
मैं तुम्हें प्यार ना करूँ

Curiosités sur la chanson Tum Kamsin Ho Nadaan Ho de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Tum Kamsin Ho Nadaan Ho” de Mohammed Rafi?
La chanson “Tum Kamsin Ho Nadaan Ho” de Mohammed Rafi a été composée par Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

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