Tumse Achha Kaun Hai
कभी हुँने नही सोचा था
ऐसा भी दिन आएगा
पानी मे आग लगेगी
पठार भी पिंगल जाएगा
देखो तुमसे अछा कौन है
कभी हुँने नही सोचा था
ऐसा भी दिन आएगा
पानी मे आग लगेगी
पठार भी पिंगल जाएगा
देखो तुमसे अछा कौन है
अरे जिसने भी चीका हुमको
अनहोनी बात ये होगी
तुम जान हो दो आलम की
और जान हुमि पर डोगी
तुम जान हो दो आलम की
और जान हुमि पर डोगी
तुम जान हो दो आलम की
और जान हुमि पर डोगी
कभी हुँने नही सोचा था
ऐसा भी दिन आएगा
पानी मे आग लगेगी
पठार भी पिंगल जाएगा
देखो तुमसे अछा कौन है
तू हुस्न की बहती गंगा
तक़दीर भी बन जाए
प्यासे के पास नदी भी
खुद प्यास भुजने आए
प्यासे के पास नदी भी
खुद प्यास भुजने आए
प्यासे के पास नदी भी
खुद प्यास भुजने आए
कभी हुँने नही सोचा था
ऐसा भी दिन आएगा
पानी मे आग लगेगी
पठार भी पिंगल जाएगा
देखो तुमसे अछा कौन है
कब हुमको खबर थी आए दिल
रंगीन सहर भी होगी
जो आग है अपने दिल मे
वो आग उधर भी होगी
जो आग है अपने दिल मे
वो आग उधर भी होगी
जो आग है अपने दिल मे
वो आग उधर भी होगी
काबी हुँने नही सोचा था
ऐसा भी दिन आएगा
पानी मे आग लगेगी
पठार भी पिंगल जाएगा
देखो तुमसे अछा कौन है
कभी हुँने नही सोचा था
ऐसा भी दिन आएगा
पानी मे आग लगेगी
पठार भी पिंगल जाएगा
देखो तुमसे अछा कौन है
देखो तुमसे अछा कौन है
देखो तुमसे अछा कौन है