Tumse Izhare-Haal Kar Baithe

Naushad, Shakeel Badayuni

आज फ़ुरकत का ख्वाब टूट गया
मिल गये तुम हिजाब टूट गया

तुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे
तुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे
बेखुदी में कमाल कर बैठे
बेखुदी में कमाल कर बैठे रे
तुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे

खो गये हुस्न की बहारों में
कह दिया राज़-ए-दिल इशारों में
काम हम बेमिसाल कर बैठे
काम हम बेमिसाल कर बैठे
बेखुदी में कमाल कर बैठे
तुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे

कितने मजबूर हो गये दिल से
कितने मजबूर हो गये दिल से
सोचे समझे बगैर क़ातिल से
सोचे समझे बगैर क़ातिल से
ज़िन्दगी का सवाल कर बैठे
बेखुदी में कमाल कर बैठे रे
तुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे
तुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे

ये अदाएं ये शोखियां तौबा
बस खुदा ही खुदा है उस दिल का
जो तुम्हारा खयाल कर बैठे
जो तुम्हारा खयाल कर बैठे
बेखुदी में कमाल कर बैठे
तुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे
आ आ आ आ आ आ
तुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे

Curiosités sur la chanson Tumse Izhare-Haal Kar Baithe de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Tumse Izhare-Haal Kar Baithe” de Mohammed Rafi?
La chanson “Tumse Izhare-Haal Kar Baithe” de Mohammed Rafi a été composée par Naushad, Shakeel Badayuni.

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