Yaaro Mera Saath Nibhao

LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI

यारों मेरा साथ निभाओ
रोज ऐसी महफ़िल कहा
भीग जाये आज पलके आओ हसे इतना
यारों मेरा साथ निभाओ
रोज ऐसी महफ़िल कहा
भीग जाये आज पलके आओ हसे इतना ओ ओ आ आ

रहे न कुछ आज सब लुटा दो
दिलो में जीतना है प्यार बाकि
रंग हो जितने भी यही सजा दो
होगी न कल ये बहार बाकि
हसी के चराग जलाओ
हो गयी रात जवान
भीग जाये आज पलके आओ हसे इतना

किसी लिए कोई लुटा तो ग़म क्या
जीने को एक ये ख़ुशी बहुत है
मिले न मिले एक सनम की बाहे
मुझे तुम्हारी दोस्ती बहुत है
देखो ऐसे दूर न जाओ
प्यार का यही है समां
भीग जाये आज पलके आओ हसे इतना
ओ यारों मेरा साथ निभाओ
रोज ऐसी महफ़िल कहा
भीग जाये आज पलके आओ हसे इतना
आओ हसे इतना आओ हसे इतना

Curiosités sur la chanson Yaaro Mera Saath Nibhao de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Yaaro Mera Saath Nibhao” de Mohammed Rafi?
La chanson “Yaaro Mera Saath Nibhao” de Mohammed Rafi a été composée par LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI.

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