Zameen Se Humen Aasman Par

MADAN MOHAN, RAJINDER KRISHAN

आ आ आ आ (आ आ आ आ )
ज़मीन से हमें आसमान पर
बिठा के गिरा तो न दोगे

अगर हम ये पूछे के दिल में
बसा के भुला तो न दोगे

ज़मीन से हमें आसमान पर
बिठा के गिरा तो न दोगे

अगर हम ये पूछे के दिल में
बसा के भुला तो न दोगे

ऐ रात इस वक़्त आँचल में तेरे
जितने भी है ये सितारे
ऐ रात इस वक़्त आँचल में तेरे
जितने भी है ये सितारे

जो दे दे तू मुझको
तो फिर मैं लुटा दूँ
किसी की नज़र पे ये सारे

आ आ कहो के ये रगीन सपने
सजा के मिटा तो न दोगे

अगर हम ये पूछे के दिल में
बसा के भुला तो न दोगे

तुम्हारे सहारे निकल तो पड़े है
है मंज़िल कहा दिल न जाने
तुम्हारे सहारे निकल तो पड़े है
है मंज़िल कहा दिल न जाने

जो तुम साथ दोगे तो आएगी एक दिन
मंज़िल गले से लगाने
आ इतना तो दिल को यक़ी है
हमें तुम दग़ा तो न दोगे

अगर हम ये पूछे के दिल में
बसा के भुला तो न दोगे

ज़मीन से हमें आसमान पर
बिठा के गिरा तो न दोगे

अगर हम ये पूछे के दिल में
बसा के भुला तो न दोगे
आहां हाहा लललला अहम आहां(आहां हाहा लललला अहम आहां )

Curiosités sur la chanson Zameen Se Humen Aasman Par de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Zameen Se Humen Aasman Par” de Mohammed Rafi?
La chanson “Zameen Se Humen Aasman Par” de Mohammed Rafi a été composée par MADAN MOHAN, RAJINDER KRISHAN.

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