Zindagi Bhar Gham Judai Ka
बदला तो ऐसे बदला है
कुच्छ राग ए गुलसितान
इक फूल पे बहार है
इक फूल पे खीज़ान
ज़िंदगी भर गम जुदाई का
मुझे तड़पएगा
ज़िंदगी भर गम जुदाई का
मुझे तड़पएगा
हर नया मौसम पुरानी
याद लेकर आएगा
ज़िंदगी भर गम जुदाई का
मुझे तड़पएगा
है वही राहे वही गलियाँ
मगर सुनसान है
तू नही तो दिल की सारी
बस्तियाँ वीरान है
दिल मे है जो गम तेरा वो
जान लेकर जाएगा
ज़िंदगी भर गम जुदाई का
मुझे तड़पएगा
हो मुबारक तुझको खुशियाँ
और मुझे रुसवाइयां
तुझको तेरा घर सलामत
और मुझे तनहाईयाँ
मरते मरते भी तेरा ही
नाम लब पे आएगा
ज़िंदगी भर गम जुदाई का
मुझे तड़पएगा
हर नया मौसम पुरानी
याद लेकर आएगा
ज़िंदगी भर गम जुदाई का
मुझे तड़पएगा