Zindagi Guzarne Ko Saathi

Ravi, Sahir Ludhiyanvi

ज़िंदगी गुज़ारने को साथी एक चाहिये
हुस्न अगर नहीं शराब ही सही

ज़िंदगी गुज़ारने को साथी एक चाहिये
हुस्न अगर नहीं शराब ही सही
हुस्न अगर नहीं शराब ही सही

जबसे वो गये हैं अपनी ज़िंदगी में
एक नया दौर आ गया है
जबसे वो गये हैं अपनी ज़िंदगी में
एक नया दौर आ गया है
उनसे कह दो अपने दिल में
उनसे भी हसीन कोई और आ गया है
ज़र के आगे सर झुका के हुस्न बेवफ़ा हुआ
आज कोई हमसफ़र नहीं रहा तो क्या हुआ
मेरे हमसफ़र ज़नाब ही सही
मेरे हमसफ़र ज़नाब ही सही
ज़िंदगी गुज़ारने को साथी एक चाहिये
हुस्न अगर नहीं शराब ही सही
हुस्न अगर नहीं शराब ही सही

इश्क़ और वफ़ा का सिर्फ़ नाम है
जहाँ में काम कुछ भी नहीं है
इश्क़ और वफ़ा का सिर्फ़ नाम है
जहाँ में काम कुछ भी नहीं है
दिल की चाहे कितनी अज़्मतें गिनाओं
दिल का दाम कुछ भी नहीं है
आज मैंने तय किया है हर तिलिस्म तोड़ना
एक नये रास्ते पे ज़िंदगी को मोड़ना
अब ये फ़ैसला ख़राब ही सही
अब ये फ़ैसला ख़राब ही सही
ज़िंदगी गुज़ारने को साथी एक चाहिये
हुस्न अगर नहीं शराब ही सही

Curiosités sur la chanson Zindagi Guzarne Ko Saathi de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Zindagi Guzarne Ko Saathi” de Mohammed Rafi?
La chanson “Zindagi Guzarne Ko Saathi” de Mohammed Rafi a été composée par Ravi, Sahir Ludhiyanvi.

Chansons les plus populaires [artist_preposition] Mohammed Rafi

Autres artistes de Religious