Zulfon Ko Hatale Chehre Se [Revival]

O P Nayyar, S H Bihari

जुल्फों को हटाले चेहरें से
ओ हो हो आ आ हाँ ह होने दे
जुल्फों को हटाले चेहरें से
थोड़ा सा उजाला होने दे
सूरज को ज़रा शर्मिन्दा कर
मुँह रात का काला होने दे
जुल्फों को हटाले चेहरें से

हो जो मौसम को पता, ये तेरी ज़ुल्फ़ हैं क्या
चूम ले माँग तेरी झुक के सावन की घटा
हो जो मौसम को पता, ये तेरी ज़ुल्फ़ हैं क्या
चूम ले माँग तेरी झुक के सावन की घटा
ज़ुल्फ़ लहराए, लहराके बादल बने
जो भी देखे तुझे तेरा पागल बने
ऐसा भी नजारा होने दे
जुल्फों को हटाले चेहरें से
थोड़ा सा उजाला होने दे
सूरज को ज़रा शर्मिन्दा कर
मुँह रात का काला होने दे
जुल्फों को हटाले चेहरें से

देख नाराज़ ना हो, मेरे मासूम सनम
मैं कोई गैर नहीं तेरी आँखों की कसम
देख नाराज़ ना हो, मेरे मासूम सनम
मैं कोई गैर नहीं तेरी आँखों की कसम
दे इजाज़त की तेरे कदम चूम लूँ
साथ मैं भी तेरे दो घडी झूम लूँ
हल्का सा इशारा होने दे
जुल्फों को हटाले चेहरें से
थोड़ा सा उजाला होने दे
सूरज को ज़रा शर्मिन्दा कर
मुँह रात का काला होने दे
जुल्फों को हटाले चेहरें से

Curiosités sur la chanson Zulfon Ko Hatale Chehre Se [Revival] de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Zulfon Ko Hatale Chehre Se [Revival]” de Mohammed Rafi?
La chanson “Zulfon Ko Hatale Chehre Se [Revival]” de Mohammed Rafi a été composée par O P Nayyar, S H Bihari.

Chansons les plus populaires [artist_preposition] Mohammed Rafi

Autres artistes de Religious