Baaja

A.R. Rahman, Irshad Kamil

रेन इश्क़ दा पहला अक्षर
समझ न सब नु आवे
कोई चला सजदे करदा
कोई तूम्बी ते गावे
जाये कोई सजदे करदा
या तूम्बी ते गावे
वखरा वखरा सब दा रस्ता
इक मंजिल ते जावे
इक मंजिल ते जावे

बज बाजा बाजा
बज बाजा बाजा
खेला शुरू है
आ देखे आजा

सख्त वक्त था वो भय भयानक था
देहशतों का दौर चली था ठा ठु ठा ठु
नित गोली नित रक्त की होली आतंक में बोली
थे जान माल घर द्वार बस स्वार
खतरे में खूनी खतरे में
चमकिला चमका ऐसे में चम चम चमकिला

बज बाजा बाजा
बज बाजा बाजा
खेला शुरू है
आ देखे आजा

लच्छर लच्छर गानों में
ठरक ठरक तानों में
सेक्सी गीत गाता था
गंद घोल जाता वो
जिस वजह से चमका
वो उस वजह से टपका
चमकिला सेक्सिला ठरकिला
वो गंदा बंदा

आ शर्मी बेशर्मी चादरे में गर्मी
चमकीला बाघी बोले अधर्मी
हम भी गाने गाते शर्म ना पी जाते
जिस्म की मोह माया में ना डूब जाते हैं
छेड़ता छबीला बिस्तरों की लीला
कुछ ज़्यादा ही कपड़ों से बाहर था चमकिला

बज बाजा बाजा
बज बाजा बाजा

ओह जी हां सारे सुनते उसके गाने
सारे सुनते उसके गाने
कोई माने या ना माने

जी हां कुछ लगते हैं शर्माने
कुछ लगते हैं झल्लाने
कोई माने या ना माने
सब जाने कोई माने या ना माने

रे चमकिला बोले
तेरी हिक ते है मलाई आई आई
बाहों में भाभी जेठ शराबी
कुड़ी पटाका स्टीयरिंग नु हाथ पाउंदी
मैनू सिखर दोपहरे नौंदी नु
ओ टक टक ओ टक टक
गुंडा कुंडा फड़के लड़के करदा
बूहा मेरा ठक ठक ठक
ओ बापू साड़ा गुम हो गया
तेरी मां दी तलाशी लेनी
जीजा लक मिन लक मिन लक मिन
भेज गई बाहर खड़ी
पी लाल परी मैं
चक चक ओ चक चक
कैसेट वसेट तावे शेव
उसके ही बिके हैं
सबसे ज़्यादा अब तक ओये अब तक

गंदा सा बंदा है
सोशल दरिंदा है
गंदा सा बंदा है
सोशल दरिंदा है

वो तो मिर्ज़ा मलंग
था गरीबों के वो संग
मज़लूम का मसीहा
उँचे लोगों से वो तंग
झूठों से उसकी कट्टियाँ
झूठे जग से थी उसकी कट्टियाँ

था वो मिट्टी की उपज
निचे लोगों की रमज़
पूरी जाता था समझ
सीधा साधा वो सेहज
झूठों से उसकी कट्टियाँ
झूठे जग से थी उसकी कट्टियाँ

लुक चुपके सुनेंगे सुन सुन के हंसेंगे
हंस हंस के मारेंगे आहा
दिन ढलता रहेगा तन जलता रहेगा
दिल करता रहेगा आहा

सुने सारे चमकीला देसीओं की रंग लीला
पूछने पे माने कोई ना
सुने सारे चमकीला देसीओं की रंग लीला
पूछने पे माने कोई ना

ओये लया ओ मेरी तुम्बी

बज बाजा बाजा
बज बाजा बाजा
खेला शुरू है, (होये होये)
आ देखे आजा बाज बाजा (होये होये)

बज बाजा बाजा, (होये होये)
बज बाजा बाजा, (होये होये)
खेला शुरू है, (होये होये)
आ देखें आजा बज बज बाजा बाजा (होये होये)

Curiosités sur la chanson Baaja de Mohit Chauhan

Qui a composé la chanson “Baaja” de Mohit Chauhan?
La chanson “Baaja” de Mohit Chauhan a été composée par A.R. Rahman, Irshad Kamil.

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