Chale Jana Zara Thahro

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

चले जाना ज़रा ठहरो
किसी का दम निकलता है
यह मंजर देखकर जाना
चले जाना ज़रा ठहरो
किसी का दम निकलता है
यह मंजर देखकर जाना

चले जाना ज़रा ठहरो
किसी का दम निकलता है
यह मंजर देखकर जाना
चले जाना ज़रा ठहरो
किसी का दम निकलता है
यह मंजर देखकर जाना
चले जाना

अभी आये हो बैठो तोह
यह मौसम भी सुहाना है
अभी आये हो बैठो तोह
यह मौसम भी सुहाना है
अभी तो हाले दिल तुमको
निगाहों से सुनाना है
नजर प्यासी यह दिल प्यासा
किसी का दम निकलता है
यह मंजर देखकर
जाना चले जाना

हसीं झरनो के साये में अकेला छोड़ जाते हो
हसीं झरनो के साये में अकेला छोड़ जाते हो
हमारे दिल को आख़िर किस लिए तुम तोड़ जाते हो
ज़रा दम लो कहा मानो किसी का दम निकलता है
यह मंजर देखकर
जाना चले जाना

हमारी जान हो तुम भी
अगर चल दीन तोह फिर क्या है
हमारी जान हो तुम भी
अगर चल दी तोह फिर क्या है
तुम्हारे बिन बहरो में
खुशी क्या है मजा क्या है
ओ जानेमन ना जाओ तुम
किसी का दम निकलता है
यह मंजर देखकर
जाना चले जाना

कसम खाती हूँ मै अपनी
तुम्हे अब्ब ना सताऊँगी
कसम खाती हूँ मै अपनी
तुम्हे अब्ब ना सताऊँगी
तुम्हारी बात जो भी हो
वही मैं मान जाऊँगी
भरी आँखें रुकि साँसे
किसी का दम निकलता है
यह मंजर देखकर जाना

चले जाना ज़रा ठहरो
किसी का दम निकलता है
यह मंजर देखकर
जाना चले जाना

Curiosités sur la chanson Chale Jana Zara Thahro de Mukesh

Qui a composé la chanson “Chale Jana Zara Thahro” de Mukesh?
La chanson “Chale Jana Zara Thahro” de Mukesh a été composée par Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

Chansons les plus populaires [artist_preposition] Mukesh

Autres artistes de Film score