Khushi Ki Woh Raat Aa Gayi
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
खुशी की वो रात आ गई
कोई गीत जगने दो
गाओ रे झूम-झूम
गाओ रे झूम-झूम
खुशी की वो रात आ गई
कोई गीत जगने दो
गाओ रे झूम-झूम
कहीं कोई काँटा लगे
जे पग में तो लगने दो
नाचो रे झूम-झूम
आज हँसु मैं इतना के मेरी आँख लगे रोने
आज हँसु मैं इतना के मेरी आँख लगे रोने
आज मैं इतना गाउँ की मन में दर्द लगे होने
ओ मजे में सवेरे तलक, यही गत को बजने दो
नाचो रे झूम-झूम
खुशी की वो रात आ गई
कोई गीत जगने दो
गाओ रे झूम-झूम
धुल हूँ मैं वो पवन बसंती क्यों मेरा संघ धरे
धुल हूँ मैं वो पवन बसंती क्यों मेरा संघ धरे
मेरी नहीं तो और किसी की पइयाँ में रंग भरे
ओ, दो नैनो आँसू लिए
दुल्हनिया को सजने दो
नाचो रे झूम-झूम
खुशी की वो रात आ गई
कोई गीत जगने दो
गाओ रे झूम-झूम
कहीं कोई काँटा लगे
जे पग में तो लगने दो
नाचो रे झूम-झूम
गाओ रे झूम-झूम
नाचो रे झूम-झूम