Koi Din Zindagi Ke

Saraswati Kumar Deepak

कोई दिन ज़िन्दगी के
गुनगुनाकर ही बिताते हैं
कोई दिन ज़िन्दगी के
गुनगुनाकर ही बिताते हैं
कोई पाकर के खोते हैं
कोई खो कर के पाता हैं

हमारी ज़िन्दगी भी क्या
कभी हँसना कभी रोना
हमारी ज़िन्दगी भी क्या
कभी हँसना कभी रोना
जिसे हम अपना कहते हैं
वह हम से दूर जाता हैं

उम्मीदे लूट गयी जिसकी
तसव्वुर छीन गया जिसका
उम्मीदे लूट गयी जिसकी
तसव्वुर छीन गया जिसका
वह कश्ती आप ही
गहरे समुन्दर में डूबता है

अगर दिल हो गया वीरान
करूँगा मौत से उल्फ़त
किसी बदहाल पर अब कौन
दो आंसू बहाते हैं

किसी के चैन से आराम से
क्या वास्ता अपना
न कोई साथ देता हैं
न कोई पास आता हैं
कोई दिन ज़िन्दगी के
गुनगुनाकर ही बिताते हैं

Curiosités sur la chanson Koi Din Zindagi Ke de Mukesh

Qui a composé la chanson “Koi Din Zindagi Ke” de Mukesh?
La chanson “Koi Din Zindagi Ke” de Mukesh a été composée par Saraswati Kumar Deepak.

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