Mehtab Tera Chehra [Revival]
महताब तेरा चेहरा, किस ख़्वाब में देखा था
ऐ हुस्न-ए-जहाँ बतला, तू कौन मैं कौन हूँ
ख़्वाबों में मिले अक्सर, इक राह चले मिलकर
फिर भी है यही बेहतर, मत पूछ मैं कौन हूँ
महताब तेरा चेहरा
क्यूँ घिरी घटा, तू ही बता
क्यूँ हँसी फ़िज़ा, तू ही बता
फूल क्यूँ खिला, तू ही बता
किस राह पे चलना, किस गाह पे रुकना है
किस काम को करना है, बतला कि मैं कौन हूँ
महताब तेरा चेहरा
ज़िंदगी को तू गीत बना
दिल के साज़ पे झूमके गा
इस जहाँ को तू प्यार सिखा
महताब तेरा चेहरा, किस ख़्वाब में देखा था
ऐ हुस्न-ए-जहाँ बतला, तू कौन मैं कौन हूँ
ख़्वाबों में मिले अक्सर, इक राह चले मिलकर
फिर भी है यही बेहतर, मत पूछ मैं कौन हूँ
महताब तेरा चेहरा
आ आ आ आ