Woh Tere Pyar Ka Gham [Revival]

ANAND BAKSHI, DAAN SINGH

वो तेरे प्यार का ग़म
एक बहाना था सनम
अपनी क़िस्मत ही कुछ ऐसी थी के दिल टूट गया

ये ना होता तो कोई दूसरा ग़म होना था
मैं तो वो हूँ जिसे हर हाल में बस रोना था
मुस्कुराता भी अगर तो छलक जाती नज़र
अपनी क़िस्मत ही कुछ ऐसी थी के दिल टूट गया

वरना क्या बात है तू कोई सितम गर तो नहीं
तेरे सीने में भी दिल है कोई पत्थर तो नहीं
तूने ढाया है सितम तो यही समझेंगे हम
अपनी क़िस्मत ही कुछ ऐसी थी के दिल टूट गया
वो तेरे प्यार का ग़म
एक बहाना था सनम
अपनी क़िस्मत ही कुछ ऐसी थी के दिल टूट गया

Curiosités sur la chanson Woh Tere Pyar Ka Gham [Revival] de Mukesh

Qui a composé la chanson “Woh Tere Pyar Ka Gham [Revival]” de Mukesh?
La chanson “Woh Tere Pyar Ka Gham [Revival]” de Mukesh a été composée par ANAND BAKSHI, DAAN SINGH.

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