Sham - E - Allam Jab

Rajendra Mehta

शाम ए अल्लं जब दर्द ए जुदाई
ज़ॅप्ट की हद से गुज़्रा होगा
शाम ए अल्लं जब दर्द ए जुदाई
ज़ॅप्ट की हद से गुज़्रा होगा
तब कहीं आँखें च्चालकी होगी
तब कोई तारा टूटा होगा
तब कहीं आँखें च्चालकी होगी
तब कोई तारा टूटा होगा

मेरे आँसू मेले मेले
आपका दामन उजाला उजाला
मेरे आँसू मेले मेले
आपका दामन उजाला उजाला
मेरे आँसू आप ना पोज़
आप का दामन मेला होगा

जब तक हैं सैय्यद के बस में
रसमे घुल क्या डोरे फ़िज़्ज़ा क्या
जब तक हैं सैय्यद के बस में
रसमे घुल क्या डोरे फ़िज़्ज़ा क्या
जशने बहरा हम भी करेंगे
जिस दिन घुलशन अपना होगा

तुम को सके इश्स बात का क्या घाम
फूल हासे या रोए शबनम
तुम को सके इश्स बात का क्या घाम
फूल हासे या रोए शबनम
इश्स दुनिया की रीत यही हैं
ऐसा हुआ हैं ऐसा होगा
इश्स दुनिया की रीत यही हैं
ऐसा हुआ हैं ऐसा होगा

Curiosités sur la chanson Sham - E - Allam Jab de Nina Mehta

Sur quels albums la chanson “Sham - E - Allam Jab” a-t-elle été lancée par Nina Mehta?
Nina Mehta a lancé la chanson sur les albums “Hum Safar” en 2009 et “Aashiq -E- Ghazal Vol. 1” en 2009.
Qui a composé la chanson “Sham - E - Allam Jab” de Nina Mehta?
La chanson “Sham - E - Allam Jab” de Nina Mehta a été composée par Rajendra Mehta.

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