Kabhi Naghma, Kabhi Sargam

Anup Jalota

कभी नगमा कभी सरगम
कभी घुँगरू की तरह
कभी नगमा कभी सरगम
कभी घुँगरू की तरह
हम हवओ में बिखरते रहे
खुसबू की तरह
हम हवओ में बिखरते रहे
खुसबू की तरह
कभी नाघमा कभी सरगम
कभी घुँगरू की तरह

हुमको तन्हाई में महसूस
हुआ हैं अक्सर
हुमको तन्हाई में महसूस
हुआ हैं अक्सर
कोई तन्हाई का साथी नही
आँसू की तरह
कोई तन्हाई का साथी नही
आँसू की तरह
कभी नाघमा कभी सरगम
कभी घुँगरू की तरह

ये बहारे भी हमेशा
नही रहने वाली
ये बहारे भी हमेशा
नही रहने वाली
हम भी घुलशन से
चले जाएँगे खुसबू की तरह
हम भी घुलशन से
चले जाएँगे खुसबू की तरह
कभी नाघमा कभी सरगम
कभी घुँगरू की तरह

हम नही कहते
मगर लोग तो कहते हैं निज़ाम
हम नही कहते
मगर लोग तो कहते हैं निज़ाम
कोई जादू ही नही
प्यार के जादू की तरह
कोई जादू ही नही
प्यार के जादू की तरह
कभी नाघमा कभी सरगम
कभी घुँगरू की तरह
हम हवओ में बिखरते रहे
खुसबू की तरह
हम हवओ में बिखरते रहे
खुसबू की तरह
कभी नाघमा कभी सरगम
कभी घुँगरू की तरह

Curiosités sur la chanson Kabhi Naghma, Kabhi Sargam de Pamela Singh

Quand la chanson “Kabhi Naghma, Kabhi Sargam” a-t-elle été lancée par Pamela Singh?
La chanson Kabhi Naghma, Kabhi Sargam a été lancée en 2008, sur l’album “Alfaaz ( Words )”.
Qui a composé la chanson “Kabhi Naghma, Kabhi Sargam” de Pamela Singh?
La chanson “Kabhi Naghma, Kabhi Sargam” de Pamela Singh a été composée par Anup Jalota.

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