Zindagi Ke Wadee Me

Zafar Gorakhpuri

ज़िंदगी की वादी में हो ऊ..
ज़िंदगी की वादी में
दिल अजब हवेली हैं
जितनी भीड़ बढ़ती हैं
उतनी ही अकेली हैं
जितनी भीड़ बढ़ती हैं
उतनी ही अकेली हैं
ज़िंदगी की वादी में

इक तमन्ना बरसो से उसकी राह तकती हैं
इक तमन्ना बरसो से उसकी राह तकती हैं
इक तमन्ना बरसो से उसकी राह तकती हैं
इक तमन्ना बरसो से उसकी राह तकती हैं
अब भी ये हसीन दुल्हन ऊ..
अब भी ये हसीन दुल्हन
क्या नई नवेली हैं
जितनी भीड़ बढ़ती हैं
उतनी ही अकेली हैं
जितनी भीड़ बढ़ती हैं
उतनी ही अकेली हैं
ज़िंदगी की वादी में

ज़िंदगी के सब मंज़र अपने क्यूँ नही होते
ज़िंदगी के सब मंज़र अपने क्यूँ नही होते
ज़िंदगी के सब मंज़र अपने क्यूँ नही होते
ज़िंदगी के सब मंज़र अपने क्यूँ नही होते
अपनी ही लकीरे हैं ऊ..
अपनी ही लकीरे हैं
अपनी ही हथेली हैं
जितनी भीड़ बढ़ती हैं
उतनी ही अकेली हैं
जितनी भीड़ बढ़ती हैं
उतनी ही अकेली हैं
ज़िंदगी की वादी में

वक़्त को समाज ने में वक़्त बीट जाता हैं
वक़्त को समाज ने में वक़्त बीट जाता हैं
वक़्त को समाज ने में वक़्त बीट जाता हैं
वक़्त को समाज ने में वक़्त बीट जाता हैं
दुनिया इक अजूबा हैं ऊओ..
दुनिया इक अजूबा हैं
ज़िंदगी पहेली हैं
जितनी भीड़ बढ़ती हैं
उतनी ही अकेली हैं
जितनी भीड़ बढ़ती हैं
उतनी ही अकेली हैं
ज़िंदगी की वादी में

Curiosités sur la chanson Zindagi Ke Wadee Me de Pamela Singh

Quand la chanson “Zindagi Ke Wadee Me” a-t-elle été lancée par Pamela Singh?
La chanson Zindagi Ke Wadee Me a été lancée en 2008, sur l’album “Tadap”.
Qui a composé la chanson “Zindagi Ke Wadee Me” de Pamela Singh?
La chanson “Zindagi Ke Wadee Me” de Pamela Singh a été composée par Zafar Gorakhpuri.

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