Raat Raazi

PRATEEK KUHAD

अँधेरे का ये जाल है
या साँझ की चाल है
आईना बेकार है
मैं कौन हूँ ये राज़ है

ये ज़ुल्फों का अंधेरा जो
छा गया मैं खो गया
तू रोशनी तू साज़ है
तू कौन है ये राज़ है
अभी तो शाम बाकी है
और रात राज़ी है
अभी तो बातें बाकी है
और रात राज़ी है

चारों और आग है
या तारों का ये बाग है
महफ़िल ज़रूर खास है
मैं कौन हूँ ये राज़ है

ये ख्वाहिशों की रात है
तेरा गुरूर माफ है
चाँद को भी नाज़ है
तू कौन है ये राज़ है

अभी तो शाम बाकी है
और रात राज़ी है
अभी तो बातें बाकी है
और रात राज़ी है
और रात राज़ी है

होता है जो होने दो
ये रोको न मुझे खोने दो
जो होता है वो होने दो
ये रोको न मुझे खोने दो यहाँ

Curiosités sur la chanson Raat Raazi de Prateek Kuhad

Quand la chanson “Raat Raazi” a-t-elle été lancée par Prateek Kuhad?
La chanson Raat Raazi a été lancée en 2013, sur l’album “Raat Raazi”.
Qui a composé la chanson “Raat Raazi” de Prateek Kuhad?
La chanson “Raat Raazi” de Prateek Kuhad a été composée par PRATEEK KUHAD.

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